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क्र सं | लेख | पेज न. |
01 | अंजली चौधरी, ज़ीनत अमान एवं मृदुला पाण्डेय | 148-153 |
02 | अरहर की फसल में लगने वाले प्रमुख रोग एवं प्रबन्धन बिपिन वर्मा, नंदिनी सिंह, नैमिष कुमार एवं गजेंद्र प्रताप | 154-156 |
03 | ताड (पामेराह पाम) वृक्ष एक उपयोग अनेक डा. महेन्द्र पाल, विजय कुमार, डा. दिव्या तिवारी एवं डा. अनिरूद्व प्रताप सिंह | 157-162 |
04 | तिलहनी फसलों में सरसों की खेती का महत्व अमर सिंह गौड़, आशुतोष कुमार, सूरज मिश्रा, संदीप साहू एवं जगन्नाथ पाठक | 163-167 |
05 | धान की पुआल आय का एक अन्य स्रोत नैमिष कुमार, प्रिया देवी मौर्या, बिपिन वर्मा एवं गजेंद्र प्रताप | 168-169 |
06 | शोभाराम ठाकुर, प्रमोद कुमार प्रजापति, शिवरतन एवं राकेश कुमार | 170-172 |
07 | बुंदेलखण्ड में ऊसर एवं क्षारीय मृदा का प्रबंधन आशुतोष कुमार, अभिषेक कुमार एवं अमर सिंह गौड़ | 173-175 |
08 | सतत धान खेती उत्पादकता और पर्यावरणीय प्रबंधन में वृद्धि ऋषिकेश तिवारी, संजय सिंह जाटव एवं सुनील कुमार उपाध्याय | 176-178 |
09 | आत्मनिर्भरता की दिशा में सहकारी समितियों का योगदान अपूर्वा सिंह एवं डॉ. संगीता गुप्ता | 179-180 |
10 | प्रारंभिक बाल्यावस्था शिक्षा बच्चे का संपूर्ण विकास रूपिका चौपड़ा एवं पूनम यादव | 181-183 |
11 | ग्लूटेन रहित डाइट: फायदे एवं नुकसान नविता बंसल, विनुथा टी, रामाप्रशात जी, सुनेहा गोस्वामी, रंजीत कुमार रंजन, दिनेश आर कुमार, अरुणिमा शुक्ला एवं अरुणा त्यागी | 184-186 |
12 | जैविक तथा अजैविक तनावः कृषि विज्ञान में एक चुनौती आरजू शर्मा, अश्वनी कुमार एवं सुलेखा चहल | 187-190 |
13 | वर्मीवाश: जैविक खेती के लिए वरदान देवेश पाठक, डॉ भाष्कर प्रताप सिंह एवं डॉ राम रतन सिंह | 191-194 |
14 | विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार से भारतीय कृषि वर्तमान परिस्थिति चुनौतियाँ एवं संभावनाएं प्रतिभा जोशी, गिरिजेश सिंह महरा, रेनू जेठी एवं गीतांजलि जोशी | 196-211 |
15 | बदलते जलवायु परिवेश में मृदा उर्वरता को कैसे बचाये रवि कुमार मीना, रामजी लाल मीना एवं भगवान सिंह धाकड | 212-214 |
16 | विनीत धीर, कृष्ण कुमार सिंह एवं जयकर सिंह | 215-217 |